दुल्हन के हाथों में मेहंदी लगी, चूड़ा सजा, पकवान बने, लेकिन कोरोना के डर ने सभी अरमानों पर पानी फेर दिया। लॉकडाउन के कारण अनुमति नहीं मिलने से दूल्हा पक्ष बरात लेकर नहीं पहुंचा तो दुल्हन, परिजनों और रिश्तेदारों में मायूसी छा गई।
नारसन क्षेत्र के मोहम्मदपुर जट्ट निवासी एक व्यक्ति ने अपनी बेटी की शादी करीब छह महीने पहले ज्वालापुर क्षेत्र में तय की थी। सगाई के बाद 25 मार्च यानी बुधवार को शादी होनी थी।
दूल्हन पक्ष के लोगों ने पिछले कुछ दिनों से बरात के आवभगत की तैयारियां शुरू कर दी थीं। सभी जरूरी तैयारियों को अंतिम रूप देकर बुधवार को दुल्हन पक्ष के लोग पलक पांवड़े बिछाकर बरात के स्वागत के इंतजार में थे।
नारसन क्षेत्र के मोहम्मदपुर जट्ट निवासी एक व्यक्ति ने अपनी बेटी की शादी करीब छह महीने पहले ज्वालापुर क्षेत्र में तय की थी। सगाई के बाद 25 मार्च यानी बुधवार को शादी होनी थी।
दूल्हन पक्ष के लोगों ने पिछले कुछ दिनों से बरात के आवभगत की तैयारियां शुरू कर दी थीं। सभी जरूरी तैयारियों को अंतिम रूप देकर बुधवार को दुल्हन पक्ष के लोग पलक पांवड़े बिछाकर बरात के स्वागत के इंतजार में थे।
इसी दौरान दूल्हे पक्ष के लोगों का फोन आया कि लॉकडाउन के कारण बरात ले जाने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई है, लेकिन अभी तक अनुमति नहीं मिली है। यह सुनते ही दुल्हन पक्ष के लोगों के होश उड़ गए।
दोपहर करीब दो बजे तक अनुमति नहीं मिलने पर बरात नारसन नहीं पहुंची। ऐसे में परिवार और रिश्तेदारों में मायूसी छा गई। गांव में हर ओर चर्चा थी कि आखिरकार यह कोरोना वायरस कब तक परेशान करेगा।
दोपहर करीब दो बजे तक अनुमति नहीं मिलने पर बरात नारसन नहीं पहुंची। ऐसे में परिवार और रिश्तेदारों में मायूसी छा गई। गांव में हर ओर चर्चा थी कि आखिरकार यह कोरोना वायरस कब तक परेशान करेगा।